मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी, आबकारी नीति बनी गले की फांस
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने कथित आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले उनके खिलाफ सबूत और गवाह दोनों तैयार कर लिए हैं। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को पूंछताछ के लिए बुलाया और करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी कर ली। मनीष सिसोदिया को घेरने में सीबीआई को एक कंप्यूटर ने मदद की, ऐसा दावा किया जा रहा है कि सिसोदिया के इस कंप्यूटर से सीबीआई को अहम सुराग मिले हैं जो कि मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त थे। सीबीआई ने एक पुख्ता केस तैयार किया है। एक्साइज विभाग से 19 अगस्त की छानबीन के दौरान जब्त की गई एक डिजिटल डिवाइस की जांच करते हुए, एजेंसी ने एक्साइज पॉलिसी ड्राफ्ट दस्तावेजों में से एक को एक अलग सिस्टम में ट्रेस किया, जो एक्साइज डिपार्टमेंट नेटवर्क का हिस्सा नहीं था। आबकारी विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ के दौरान एजेंसी को सिसोदिया के कार्यालय के कंप्यूटर का सुराग मिला था।
बाद में सीबीआई ने 14 जनवरी को सिसोदिया के कार्यालय से उक्त कंप्यूटर को जब्त कर लिया था।
लेकिन इस कंप्यूटर से अधिकांश फाइलों को पहले ही हटा दिया गया था।
जांच एजेंसी ने अपनी फोरेंसिक टीम की मदद से रिकॉर्ड को फिर से हासिल कर लिया है। फोरेंसिक जांच से पता चला कि उक्त फाइल बाहरी रूप से उत्पन्न हुई थीं और व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हुई थी। सीबीआई ने तब 1996 बैच के एक अधिकारी को तलब किया, अधिकारी ने सीबीआई को जानकारी दी कि, मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 के मध्य उसे अरविंद केजरीवाल के आवास पर उसे बुलाया, जहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे और जीओएम रिपोर्ट की प्रति दी। इस मसौदे में जीओएम की प्रति में ‘12% लाभ मार्जिन शर्त’ को शामिल किया गया था। 12% लाभ मार्जिन की शर्त पर कैसे पहुंचे, इससे संबंधित किसी भी चर्चा या किसी भी फाइल का कोई रिकॉर्ड नहीं है।फरवरी के पहले सप्ताह में सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उक्त अधिकारी का बयान दर्ज किया, ताकि उसे अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया जा सके।
सिसोदिया के कार्यालय से जब्त किए गए सबूतों और उनके सचिव के बयान ने सीबीआई को सिसोदिया तक पहुंचा दिया। पूछताछ के दौरान सिसोदिया ने जीओएम के उक्त मसौदे की प्रति के बारे में विवरण देने से इनकार कर दिया।सीबीआई का भी यही आरोप है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
